जिन्होंने जीवन में कभी हार नहीं माना। लाख बुराइयां होने के बाद भी समाज सेवा से पांव पीछे नहीं खींचा। जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा समाज सेवा में समर्पित किए हैं। सत्येंद्र शर्मा भैया जो सदैव अपने कार्यों से समाज को प्रेरणा देते रहते हैं। अच्छाई आज भी जिंदा है। यह बात सदैव समाज को अवगत कराते रहते हैं। सेवा ही धर्म एवं कर्म है। उन्होंने सैकड़ों माताओं कि सेवा किया हुआ है। उन्होंने सदैव समाज को ही परिवार माना है। सेवा उनके जीवन का लक्ष्य रहा है। उन्होंने सदैव मातृ पितृ सेवा को जीवन का लक्ष्य माना है। साफ दिल एवं नेक इंसान हैं। जो सदैव सामने वालों को, समाजसेवियों को नई प्रेरणा देते रहते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भैया।